THE GREATEST GUIDE TO SIDH KUNJIKA

The Greatest Guide To sidh kunjika

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

[These are typically preliminary stotras that should be recited in advance of examining of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here's it instructed that if this kunjika stotram is recited then there isn't a should recite all of these.]

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

एडवर्टाइज विथ असप्राइवेसी पॉलिसीकॉन्टैक्ट अससेंड फीडबैकअबाउट असकरियर्स थीम

ओं अस्य श्री कुञ्जिका स्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ओं ऐं बीजं, ओं ह्रीं शक्तिः, ओं क्लीं कीलकम्, मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के website इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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