sidh kunjika No Further a Mystery
sidh kunjika No Further a Mystery
Blog Article
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।
आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ।।
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
This can be prayer of your Kunjika which click here can be The key reason why for awakening. Oh Parvathi, preserve this secured and kept magic formula from those who are not devotees.
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।